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Haryana में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई राहत नहीं, जनता कर रही सस्ते ईंधन का इंतजार

Haryana सहित पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आम जनता लंबे समय से राहत की उम्मीद लगाए बैठी है। लगातार बढ़ती महंगाई के बीच लोग पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की आस लगाए हुए हैं, लेकिन तेल कंपनियों ने इनकी कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। पिछले कई महीनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जिससे लोगों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है।

हरियाणा में पेट्रोल-डीजल के ताजा दाम

अगर हरियाणा में ईंधन की कीमतों की बात करें, तो यहां पेट्रोल ₹95.56 प्रति लीटर और डीजल ₹88.40 प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर और डीजल ₹90.03 प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है।

देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती हैं, क्योंकि राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से टैक्स (VAT) और अन्य शुल्क लगाती हैं। यही कारण है कि हरियाणा में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कुछ अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं, लेकिन फिर भी आम जनता को राहत नहीं मिल रही है।

पेट्रोल-डीजल

कीमतों में स्थिरता से जनता परेशान

हरियाणा समेत पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लंबे समय से स्थिर बने हुए हैं। आम लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार कुछ राहत देगी, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

तेल कंपनियों की ओर से प्रतिदिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा की जाती है, लेकिन वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजार में बहुत कम देखने को मिल रहा है।

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देश के अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम

शहरपेट्रोल (रुपये प्रति लीटर)डीजल (रुपये प्रति लीटर)
दिल्ली₹96.72₹89.62
मुंबई₹103.50₹90.03
कोलकाता₹106.03₹92.76
चेन्नई₹102.63₹94.24
बेंगलुरु₹101.94₹87.89
लखनऊ₹96.57₹89.76
पटना₹107.24₹94.04

कीमतों में कटौती क्यों नहीं हो रही?

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत न मिलने के पीछे कई कारण हैं—

  1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें
    वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारतीय तेल कंपनियां भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ा देती हैं। हालांकि, जब कच्चे तेल की कीमतें घटती हैं, तो कंपनियां तुरंत इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं देतीं।

  2. सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स
    पेट्रोल और डीजल की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार के पास जाता है। केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है, जबकि राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाकर अतिरिक्त राजस्व जुटाती हैं। यही कारण है कि राज्यों के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर देखने को मिलता है।

  3. रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
    रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अस्थिरता बनी हुई है और कंपनियां इन कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश कर रही हैं।

  4. मांग और आपूर्ति का संतुलन
    भारत में पेट्रोल और डीजल की मांग लगातार बनी हुई है। बढ़ती मांग के कारण तेल कंपनियां कीमतों में कोई बड़ी कटौती नहीं कर रही हैं।

क्या कीमतें घट सकती हैं?

अभी तक सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले समय में सरकार जनता को राहत देने के लिए टैक्स में कटौती कर सकती है।

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आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में थोड़ी राहत दे सकती है। इसके अलावा, अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आती है, तो पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी संभव है।

महंगे पेट्रोल-डीजल का असर

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। इसका प्रभाव केवल वाहन चालकों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अन्य कई क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है—

  1. महंगाई में बढ़ोतरी
    पेट्रोल-डीजल महंगा होने से परिवहन लागत बढ़ जाती है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो जाती हैं।

  2. कृषि पर प्रभाव
    डीजल की बढ़ती कीमतों का असर किसानों पर पड़ता है, क्योंकि वे अपने ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों के लिए डीजल का उपयोग करते हैं।

  3. लॉजिस्टिक्स सेक्टर प्रभावित
    ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। ट्रकों और बसों के किराए बढ़ने से वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं।

कैसे करें ईंधन की बचत?

अगर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से बचना है, तो निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं—

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  1. कार पूलिंग का उपयोग करें।
  2. सार्वजनिक परिवहन (बस, मेट्रो) का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
  3. इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाएं।
  4. वाहन की नियमित सर्विसिंग कराएं ताकि माइलेज बेहतर मिले।
  5. वाहन चलाते समय अनावश्यक ब्रेक और एक्सेलरेशन से बचें।

हरियाणा सहित पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जिससे आम जनता को कोई राहत नहीं मिल रही है। हरियाणा में पेट्रोल की कीमत ₹95.56 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹88.40 प्रति लीटर बनी हुई है।

तेल कंपनियों और सरकार की नीतियों के कारण फिलहाल कीमतों में कोई कटौती नहीं हो रही है। हालांकि, आने वाले समय में सरकार की ओर से टैक्स में कटौती या अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट होने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत मिल सकती है। तब तक के लिए आम जनता को संयम रखना होगा और ईंधन की बचत के उपाय अपनाने होंगे।

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